Sawan 2023 Pradosh Vrat: हिंदू धर्म में भोलेनाथ से जुड़े हर पूजा-पाठ और व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। इसी में से एक है हर महीने में 2 बार पड़ने वाला प्रदोष व्रत। ये कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। वहीं अगर ये सावन माह में पड़ रहा हो तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं सावन माह में पड़ने वाला प्रदोष व्रत किस दिन रखा जाएगा और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
स्टोरी में आगे ये पढ़ें…..
- प्रदोष व्रत में क्या किया जाता है?
- कब है सावन का पहला प्रदोष व्रत?
- प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है?
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) में क्या किया जाता है?
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की एक साथ पूजा की जाती है। कहा जाता है कि अगर इस दिन भोलेनाथ और मां पार्वती की विधिवत पूजा अर्चना की जाए तो वो खुश होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
कब है सावन का पहला प्रदोष व्रत? (Pradosh Vrat)
सावन माह में पड़ने वाले पहले प्रदोष व्रत को लेकर लोगों में थोड़ी कंफ्यूजन नजर आ रही है कि आखिर व्रत 14 जुलाई को पड़ेगा या फिर 15 जुलाई को ऐसे में आइए जानते हैं कि किस दिन पड़ेगा सावन माह का प्रदोष व्रत? सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 14 जुलाई को रात 7 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 15 जुलाई को रात 12 बजे होगा। प्रदोष व्रत की पूजा शाम को की जाती है ऐसे में इसलिए सावन माह का पहला प्रदोष व्रत 15 जुलाई को रखा जाएगा।
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है?
सावन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाले पहले प्रदोष व्रत की पूजा शाम को की जाती है। इस बार इसका शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 30 मिनट से लेकर 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। प्रदोष काल सूर्यास्त से 45 मिनट पहले शुरू होता है और इसे इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दौरान भगवान शिव प्रसन्न मुद्रा में होते हैं। कहा जाता है अगर ऐसे में उनसे कुछ मांगा जाए तो वे अपने भक्तों को निराश नहीं करते हैं।
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