Kab Se Kab Tak Chalegi Kanwar Yatra Kya Hai Iske Niyam: हर साल कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से सावन महीने की शुरूआत होती है। ये महीना जितना शिव को प्रिय है उतना ही उनके भक्तों के लिए भी खास होता है। इस पावन महीने की शुरूआत होते ही भोलेनाथ कांवड़ यात्रा लेकर अपने आराध्य की आराधना करने के लिए निकल पड़ते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इस सावन कब से कब तक चलेगी कांवड़ यात्रा और क्या हैं इसके नियम?
- इस सावन कब से कब तक निकाली जाएगी कांवड़ यात्रा?
- क्या होते हैं कांवड़ यात्रा के नियम?
इस सावन कब से कब तक निकाली जाएगी कांवड़ यात्रा?
सावन महीने के पहले ही दिन से कांवड़ यात्रा शुरू हो जाती है। यानी 4 जुलाई 2023 से ही कांवड़ यात्रा भी हो गई है जिसका समापन 15 जुलाई 2023 को शिवरात्रि के दिन जल चढ़ाकर किया जाएगा, लेकिन खास बात यह है कि इस बार 2 महीने का सावन पड़ रहा है ऐसे में दो बार शिवरात्रि मनाई जाएगी। पहली 15 जुलाई और दूसरी 14 अगस्त को।
क्या हैं कांवड़ यात्रा के नियम?
- चलिए अब जानते हैं कांवड़ यात्रा के नियम के बारे में। बता दें कि कांवड़ यात्रा करने वाले भक्तों को कांवड़िया कहा जाता है।
- जो भी भक्त कांवड़ यात्रा पर जाते हैं उन्हें इस दौरान खास नियमों का पालन करना होता है।
- नियमानुसार कांवड़ियों को पैदल ही यात्रा करनी होती है।
- यात्रा के दौरान भक्तों को सिर्फ सात्विक खाना ही खाना चाहिए।
- यात्रा के दौरान ध्यान रखें की कावंड़ को जमीन पर न रखें बल्कि किसी पेड़ या किसी चीज के सहारे लटकाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि कहा जाता है कि अगर आप कांवड़ को जमीन पर रख देते हैं तो आपको दोबारा से गंगाजल भरकर फिर से यात्रा शुरू करनी पड़ती है।
यात्रा के दौरान कांवड़ियों को नंगे पैर चलना होता है। - कांवड़ को छूने से पहले नहाना जरूरी होता है। बिना नहाए कांवड़ को नहीं छूना चाहिए।
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