Suicide Case: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि तमिलनाडु देश में आत्महत्या के मामले में दूसरे नंबर पर है. 22,207 आत्महत्याओं के साथ महाराष्ट्र शीर्ष पर है, और तमिलनाडु कुल 18,925 आत्महत्याओं के साथ दूसरे स्थान पर है. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में तमिलनाडु ने 13,493 आत्महत्याएं, 2020 में 16,883 और 2021 में 18,925 की वृद्धि दर्ज की.
इस वजह से कर रहे Suicide
मनोवैज्ञानिक मुद्दों वाले लोगों के परामर्श में सक्रिय रूप से शामिल एक गैर सरकारी संगठन, श्रद्धा की सामाजिक कार्यकर्ता और परामर्शदाता स्नेहा अब्राहम ने कहा कि लोगों के आत्महत्या करने के कई कारण हैं. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में ज्यादातर आत्महत्याएं घरेलू मुद्दों के कारण होती हैं, इसके बाद वित्तीय संकट, पुरानी बीमारी, असफल रोमांस और परीक्षाओं में खराब परिणाम आते हैं.
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इस उम्र के लोग कर रहे सबसे ज्यादा Suicide
आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, अध्ययन में पाया गया कि पारिवारिक मुद्दों के कारण आत्महत्या करने वालों की औसत आयु 35 से 40 के बीच थी, जबकि असफल प्रेम संबंधों के कारण अपनी जान लेने वालों की आयु 18 से 25 वर्ष के बीच थी. 16 से 21 वर्ष के औसत आयु वर्ग के छात्रों ने खराब परिणाम और प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल होने के कारण आत्महत्या (Suicide) कर ली. आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या करने वालों की आयु 28 से 45 वर्ष और पुरानी बीमारी के कारण अपना जीवन समाप्त करने वालों की आयु 45 से 60 वर्ष थी.
इस राज्य से आए सुइसाइड के अधिक मामले
तमिलनाडु में आत्महत्या (Suicide) करने वालों में पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा थी. स्नेहा अब्राहम ने आईएएनएस को बताया, “लोगों को आत्महत्या करने से रोकने के लिए कई दौर की काउंसलिंग की जाती है. हालांकि, एनसीआरबी की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु में आत्महत्या की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. मुझे लगता है कि स्कूल के दिनों से ही, छात्रों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए उन्हें उचित परामर्श देना होगा. बच्चों को जीवन में आश्वस्त होना होगा और तब आत्महत्या करने की प्रवृत्ति कम होगी.”